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Omicron ALERT in Jharkhand कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। देश के कई राज्यों में इसके मरीज मिल चुके हैं। हालांकि झारखंड अभी अछूता है लेकिन राज्य में ओमिक्रोन की टेस्टिंग के लिए एक भी लैब नहीं है...
जमशेदपुर: कोरोना की पहली लहर जैसी स्थिति फिर से उत्पन्न हो गई है। देश में जब कोरोना के मरीज मिलने लगे थे तब झारखंड में जांच की व्यवस्था नहीं थी। संदिग्धों का नमूना लेकर पूणे भेजा जाता था। लेकिन, कुछ ही दिन के बाद जमशेदपुर में झारखंड का पहला लैब स्थापित किया गया। उसके बाद जांच में तेजी आई और फिर मरीजों की पहचान होने लगी।
ओमिक्रोन को लेकर भी कुछ इसी तरह के कदम जल्द ही उठाए जाने की जरूरत है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएल अग्रवाल ने कहा कि देश में ओमिक्रोन के रोगी तेजी से बढ़ने लगे हैं। देशभर से लोग एक राज्य से दूसरे राज्यों में आ-जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है। अगर, इनकी जांच नहीं हुई तो फिर संक्रमण रोक पाना मुश्किल होगा।
झारखंड में ओमिक्रोन वैरियंट की जांच करने के लिए लैब नहीं है। ऐसे में अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसका नमूना लेकर भुवनेश्वर जांच के लिए भेजा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भुवनेश्वर लैब पर पहले से ही काफी ज्यादा लोड है, जिसके कारण रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन का समय लग जाता है, जो खतरनाक साबित हो सकता है। डॉ. आरएल अग्रवाल ने कहा कि जांच की सुविधा जमशेदपुर में भी किया जाना चाहिए। ताकि वायरस की पहचान सही समय पर हो और उसके रोकथाम को उचित कदम उठाया जा सकें।
पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते दो माह में कुल 453 लोग विदेश से आएं है। इसमें सबसे अधिक सउदी अरब व अमेरिका से आए लोग शामिल हैं। जिला सर्विलांस विभाग के अनुसार, अक्टूबर माह में 147 व नवंबर माह से पांच दिसंबर तक कुल 306 लोग लौटे हैं। इसमें 174 लोगों की जांच हुई है। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
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