Editor Posts

Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana (पीएम-किसान) की 21वीं किस्त के बारे में क्या जानकारी उपलब्ध है — लाभार्थियों, तिथि, पात्रता व प्रक्रिया सहित।

Image
  नीचे विस्तारपूर्वक बताया गया है कि Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana (पीएम-किसान) की 21वीं किस्त के बारे में क्या जानकारी उपलब्ध है — लाभार्थियों, तिथि, पात्रता व प्रक्रिया सहित। योजना का परिचय पीएम-किसान योजना को फरवरी 2019 में शुरू किया गया था। (The Economic Times) इसका उद्देश्य है देश के लघु और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता देना, ताकि खेती-बाड़ी के खर्चों में राहत मिल सके। (Kisan India) इस योजना के अंतर्गत पात्र किसान परिवारों को रु 6,000 प्रति वर्ष की राशि दी जाती है। (ClearTax) यह राशि तीन समान किस्तों (प्रति किस्त लगभग रु 2,000) में चार-चार महीने के चक्र पर बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। (ABP News) ट्रांसफर का माध्यम है डीबीटी (Direct Benefit Transfer) प्रणाली। (The Economic Times) 21वीं किस्त: क्या स्थिति है? अब बात करते हैं 21वीं किस्त की — कब आ सकती है, किन किसानों को मिलेगी, क्या शर्तें हैं। तिथि का अपडेट 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को जारी की गई थी, जिसमें लगभग 9.7 करोड़ किसानों को राशि ट्रांसफर हुई थी। 21वीं किस्त के संबंध में सरकारी रूप स...

Omicron ALERT in Jharkhand : कैसे होगी राज्य में ओमिक्रोन की जांच, पूरे झारखंड में एक भी लैब नहीं

 Omicron ALERT in Jharkhand कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रोन डेल्टा से भी ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। देश के कई राज्यों में इसके मरीज मिल चुके हैं। हालांकि झारखंड अभी अछूता है लेकिन राज्य में ओमिक्रोन की टेस्टिंग के लिए एक भी लैब नहीं है...

जमशेदपुर: कोरोना की पहली लहर जैसी स्थिति फिर से उत्पन्न हो गई है। देश में जब कोरोना के मरीज मिलने लगे थे तब झारखंड में जांच की व्यवस्था नहीं थी। संदिग्धों का नमूना लेकर पूणे भेजा जाता था। लेकिन, कुछ ही दिन के बाद जमशेदपुर में झारखंड का पहला लैब स्थापित किया गया। उसके बाद जांच में तेजी आई और फिर मरीजों की पहचान होने लगी।


जल्द कदम उठाने की जरूरत


ओमिक्रोन को लेकर भी कुछ इसी तरह के कदम जल्द ही उठाए जाने की जरूरत है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आरएल अग्रवाल ने कहा कि देश में ओमिक्रोन के रोगी तेजी से बढ़ने लगे हैं। देशभर से लोग एक राज्य से दूसरे राज्यों में आ-जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है। अगर, इनकी जांच नहीं हुई तो फिर संक्रमण रोक पाना मुश्किल होगा। 


राज्य में नहीं हैं जांच की सुविधा

झारखंड में ओमिक्रोन वैरियंट की जांच करने के लिए लैब नहीं है। ऐसे में अगर कोई संदिग्ध मरीज मिलता है तो उसका नमूना लेकर भुवनेश्वर जांच के लिए भेजा जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि भुवनेश्वर लैब पर पहले से ही काफी ज्यादा लोड है, जिसके कारण रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन का समय लग जाता है, जो खतरनाक साबित हो सकता है। डॉ. आरएल अग्रवाल ने कहा कि जांच की सुविधा जमशेदपुर में भी किया जाना चाहिए। ताकि वायरस की पहचान सही समय पर हो और उसके रोकथाम को उचित कदम उठाया जा सकें।


दो माह में 453 लोग विदेश से आएं


पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते दो माह में कुल 453 लोग विदेश से आएं है। इसमें सबसे अधिक सउदी अरब व अमेरिका से आए लोग शामिल हैं। जिला सर्विलांस विभाग के अनुसार, अक्टूबर माह में 147 व नवंबर माह से पांच दिसंबर तक कुल 306 लोग लौटे हैं। इसमें 174 लोगों की जांच हुई है। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है।

Comments

Popular Posts

PM Vishwakarma Yojana Online Registration: पीएम विश्वकर्म योजना में आवेदन करें ₹15000 लाभ प्राप्त करें

Digital Subhash: CSC सेंटर से यूट्यूब तक का सफर – एक प्रेरणादायक कहानी

क अक्षर से लड़कियों के नाम, K Akshar se ladkiyon ke naam