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Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana (पीएम-किसान) की 21वीं किस्त के बारे में क्या जानकारी उपलब्ध है — लाभार्थियों, तिथि, पात्रता व प्रक्रिया सहित।

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  नीचे विस्तारपूर्वक बताया गया है कि Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Yojana (पीएम-किसान) की 21वीं किस्त के बारे में क्या जानकारी उपलब्ध है — लाभार्थियों, तिथि, पात्रता व प्रक्रिया सहित। योजना का परिचय पीएम-किसान योजना को फरवरी 2019 में शुरू किया गया था। (The Economic Times) इसका उद्देश्य है देश के लघु और सीमांत किसानों को प्रतिवर्ष आर्थिक सहायता देना, ताकि खेती-बाड़ी के खर्चों में राहत मिल सके। (Kisan India) इस योजना के अंतर्गत पात्र किसान परिवारों को रु 6,000 प्रति वर्ष की राशि दी जाती है। (ClearTax) यह राशि तीन समान किस्तों (प्रति किस्त लगभग रु 2,000) में चार-चार महीने के चक्र पर बैंक खाते में सीधे ट्रांसफर की जाती है। (ABP News) ट्रांसफर का माध्यम है डीबीटी (Direct Benefit Transfer) प्रणाली। (The Economic Times) 21वीं किस्त: क्या स्थिति है? अब बात करते हैं 21वीं किस्त की — कब आ सकती है, किन किसानों को मिलेगी, क्या शर्तें हैं। तिथि का अपडेट 20वीं किस्त 2 अगस्त 2025 को जारी की गई थी, जिसमें लगभग 9.7 करोड़ किसानों को राशि ट्रांसफर हुई थी। 21वीं किस्त के संबंध में सरकारी रूप स...

आप भी खोल सकते हैं गैस एजेंसी, हर सिलेंडर पर कमाई... जानें- लाइसेंस और अप्लाई के तरीके

  देश में एलपीजी की तीन सरकारी कंपनियां हैं और यही डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप देती हैं. डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है. साथ ही एलपीजी की एजेंसी के लिए आवेदन करने वाले का 10वीं पास होना जरूरी है. एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन के लिए अखबारों में नोटिफिकेश जारी किया जाता है. 


देश में अब रसोई गैस सिलेंडर (LPG) बड़ी संख्या में लोगों के घर के किचन में पहुंच चुका है. केंद्र सरकार ने उज्जवला योजना (Ujjwala Yojana) के तहत देश के गरीब तबके में रसोई गैस सिलेंडर बांटे हैं. इस वजह देश में रसोई गैस सिलेंडर की खपत बढ़ी है और आने वाले दिनों इसमें इजाफा भी होगा. ऐसे में अगर आप इस क्षेत्र में कारोबार की शुरुआत करते हैं, तो आप मोटी कमाई कर सकते हैं. रसोई गैस सिलेंडर वितरण एजेंसी खोलकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. हालांकि, इसके लिए आपको मोटी रकम निवेश भी करनी पड़ेगी. देश में एलपीजी की तीन सरकारी कंपनियां हैं और यही डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप देती हैं.


तीन सरकारी कंपनियां देती हैं डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप

इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (Indian Oil Corporation Ltd) इंडेन गैस की डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप देती है. भारत पेट्रोलियम (Bharat Petroleum) भारत गैस के लिए और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (Hindustan Petroleum) एचपी गैस के लिए डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप प्रदान करती है. हालांकि, डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप के लिए कंपनियों ने नियम बनाए हैं, जिसके तहत वितरण एजेंसी का लाइसेंस किसी व्यक्ति को मिलता है. ये कंपनियां समय-समय पर डिस्‍ट्रीब्‍यूटरशिप के लिए आवेदन मंगाती हैं.

हिंदुस्तान पेट्रोलियम की वेबसाइट के अनुसार, कंपनियां ऑनलाइन या ऑफलाइन आवदेन मंगाती हैं. आवदेन करने के बाद कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है. इसमें कई पैरामीटर पर नंबर दिए जाते हैं. इसी आधार पर कैंडिडेट का मूल्यांकन किया जाता है. इसके बाद इंटरव्यू का रिजल्ट जारी किया जाता है. अगर आपका नाम आ जाता है, तो आपके द्वारा दी गई जानकारी को वेरिफाई कर कंपनियां गैस एजेंसी अलॉट कर देती हैं.

फील्ड वेरिफिकेशन

मेट्रो शहर, ग्रामीण क्षेत्र और नगरपालिक में वितरण और ऑपरेशन की अनुमति मिलती है. अगर आप घरेलू एलपीजी सिलेंडरों के वितरण के लिए एजेंसी लेना चाहते हैं, तो 14.2 किलोग्राम से अधिक वजन के सिलेंडर का वितरण नहीं कर पाएंगे. वितरण एजेंसी के लिए लाइसेंस मिलने से पहले आपके क्रेडेंशियल्स का फील्ड वेरिफिकेशन होगा. OMC अधिकारियों की समिति आपके डॉक्यूमेंट्स और जिस जमीन पर आप रसोई गैस सिलेंडर के लिए वितरण एजेंसी खोलना चाहते हैं. उसकी जांच करेगी.

जमीन की लोकेशन 

जमीन की जांच का अर्थ ये है कि आप जहां एजेंसी खोलना चाहते हैं, वहां हर मौसम में गाड़ी के पहुंचने के लिए सड़क होनी जरूरी है. जमीन पर एलपीजी सिलेंडर को स्टोर करने के लिए गोदाम बनेगा. अगर जमीन आपके नाम पर है तो सही है. वरना कम से कम 15 साल की लीज पर आपको जमीन को लेना होगा. अगर लाइसेंस प्रदान करने के लिए आपका चयन होता है, तो आपको खुद ही गोदाम बनवाना होगा.

इन्हें दी जाती है प्रथमिकता

रसोई गैस एजेंसी के लिए सरकार के तय स्टैंडर्ड के अनुसार, सामान्य श्रेणी के कैंडिडेट्स के लिए 50 फीसदी रिजर्वेशन होता है. इसके बाद अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के लोगों के लिए भी रिजर्वेशन होता है. स्‍वतंत्रता सेनानी, भूतपूर्व सैनिक, सशस्‍त्र बल, पुलिस सेवा, राष्ट्रीय खिलाड़ियों और सामाजिक रूप से अक्षम लोगों को भी प्रथमिकता दी जाती है.


एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए आवेदन के लिए अखबारों में नोटिफिकेश जारी किया जाता है. https://www.lpgvitarakchayan.in पोर्टल पर भी नोटिफिकेश के बारे में जानकारी मिलती है. अगर किसी क्षेत्र में एक से अधिक योग्य कैंडिडेट हो जाते हैं, तो लकी ड्रॉ के अनुसार रसोई गैस एजेंसी अलॉट की जाती है.

आवेदन के लिए कितना शुल्क?

डिस्ट्रीब्यूटरशिप लेने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है. साथ ही एलपीजी की एजेंसी के लिए आवेदन करने वाले का 10वीं पास होना जरूरी है. उम्र 21 साल से लेकर 60 साल के बीच होनी चाहिए. इसके अलावा परिवार का कोई भी सदस्य ऑयल मार्केटिंग कंपनी में नौकरी नहीं करता हो. गैस एजेंसी के लिए आवेदन करने का अधिकमत शुल्क 10,000 रुपये है. ये शुल्क नॉन रिफंडेबल होता है.

कितना आएगा कुल खर्च?

एलपीजी गैस एजेंसी खोलने के लिए कम से कम 15 लाख रुपये की जरूरत होती है. ये पैसा एलपीजी सिलेंडरों को स्टोर करने के लिए गोदाम और एजेंसी के कार्यालय बनवाने में खर्च होता है. इसके अलावा पासबुक प्रिटिंग के लिए कंप्यूटर और प्रिंटर आदि की जरूरत पड़ती है.

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